मैसूर का शाही दशहरा एक बार फिर पूरी शानो शौकत के साथ मनाया गया. 750 किलोग्राम सोने के सिंहासन की सवारी सबके आकर्षण का केंद्र थी. रात को रोशनी में नहाए मैसूर पैलेस की खूबसूरती देखते ही बनती है. पहले यहां दिन में निकलने वाली जंबो सवारी आपको मध्यकाल के रजवाड़ों के शाही काल की याद ताज़ा करा देती है. मैसूर में दशहरा माता चामुंडेश्वरी के हाथों महिसासुर नाम के राक्षस के वध की याद में मनाया जाता है.