हमारे पास देश के कई उच्च शिक्षा संस्थानों में रिसर्च करने वाले छात्रों के मैसेज आ रहे हैं. जुलाई महीने से हमें लिख रहे हैं. जैसा कि आप जानते हैं कि न्यूज़ एंकर हो जाने से आप तुरंत सभी समस्याओं को समझने योग्य देवदूत नहीं हो जाते हैं. तमाम समस्याओं के बीच हम यही सोचते रहे कि विज्ञान के जटिल विषयों में शोध करने वाले रिसर्च स्कॉलर हमें क्यों लिख रहे हैं. सरकार तो पब्लिक में यही इमेज बनाती है कि विज्ञान के रिसर्च के मामले में ज़रा सी भी कोताही नहीं होने दी जाती है. खासकर जिस तरह के संस्थानों से ये रिसर्च स्कॉलर हमें लिख रहे थे, उनका गुणगान तो रोज़ ही मीडिया में छपता है.उनके यहां से पढ़े छात्र दुनिया में कहां कहां नहीं हैं, फिर भी इन प्रतिभाशाली छात्रों को अपनी बात पहुंचाने और सरकार को फैसले के लिए प्रेरित करने में कितना वक्त लग गया.