भारत में पांच दशक पहले लगा आपातकाल आज तक हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा अभिशाप माना जाता है। हर साल उसकी याद इसलिए ताजा हो जाती है कि लोकतंत्र और संविधान की गरिमा को बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि इमरजेंसी का ख़्याल भी किसी के ज़हन में ना आए. तब इमरजेंसी ने लोगों की ज़िंदगी को कैसे जहन्नुम बना दिया देखिए इस रिपोर्ट में.