गणतंत्र को बचाने के लिए 'रिक्लेमिंग द रिपब्लिक'

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  • प्रकाशित: फ़रवरी 05, 2019
अलग अलग राजनीतिक विचारधारा को मानने वाले नागरिकों ने रिक्लेमिंग दि रिपब्लिक नाम से एक समूह बनाया है जिसका मतलब है गणतंत्र को वापस हासिल करना. इस समूह का कहना है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में विश्वास, संविधानवाद और विविधता से भरे लोकतांत्रिक भारत में यकीन करने वाले लोग हैं. खुद को लोकतंत्र के सामने खड़ी चुनौतियों से चिन्तित ताते हैं और चुनाव के संदर्भ में अपना हस्तक्षेप करना चाहते हैं. इन्होंने 19 बिंदुओं पर अपना एक प्रस्ताव तैयार किया है. इसमें मीडिया में सुधार की भी बात है ताकि बगैर भय और पक्षपात के रिपोर्टिंग हो सके. इनका कहना है कि जिस तरह से अमरीका में मीडिया की आज़ादी सुनिश्चित करने वाला फर्स्ट अमेंडमेंट हैं उसी तर्ज पर भारत में भी मीडिया फ्रीडम बिल होना चाहिए. इस समूह में जस्टिस ए पी शाह, प्रशांत भूषण, अंजिली भारद्वाज, अरुणा रॉय, जयति घोष, पी साईनाथ, दीपक नैय्यर और गोपाल गांधी जैसे नागरिक हैं.

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