यूपी से लेकर बिहार और पंजाब तक सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की हालत पतली है. पंजाब की बात करें तो यहां के सरकारी प्राइमरी हेल्थ सेंटर की हालत बहुत ही दयनीय है. 521 अस्पतालों में से 292 यानी 56 फीसदी प्राइमरी हेल्थ सेंटर की हालत ऐसी है कि वो हाल में हुई अस्पतालों की ग्रेडिंग में भी नहीं हैं. हेल्थ सेंटरों में कर्मचारियों की कमी है. 593 डॉक्टरों की जगह है, लेकिन 480 डॉक्टरों की ही नियुक्ति हुई है.40 ऐसे सेंटर हैं जहां कोई डॉक्टर नहीं है.173 हेल्थ सेंटर पर महिला डॉक्टर नहीं हैं और 240 सेंटर सिर्फ़ एक डॉक्टर के भरोसे चल रहे हैं. हरियाणा में भी कुछ ऐसे ही हालत देखने को मिला, पानीपत के सिविल अस्पताल में सुविधाओं का जायजा लिया हमारी सहयोगी रुबी ढींगरा ने.