'आंदोलन करने वाले किसान कंफ्यूज हैं, कम्युनिकेशन गैप हो गया है', ऐसा कहने वाले आपको ये नहीं बताते ये कानून आया कैसे और कम्युनिकेशन गैप हुआ कैसे? अगर वो बताएंगे तो उन्हें ये भी बताना होगा कि इसकी जिम्मेदारी सरकार की है. भारत जैसे देश में व्यापक बदलाव करने वाले इन तीन कानूनों की भनक किसी को नहीं थी. किसान संगठनों को न तो मालूम था और न ही उनसे कोई बातचीत हुई थी.