जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के टीचर एसोसिएशन ने वाइस चांसलर का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी विस्तार देने पर विरोध जताया है, और विस्तार के दौरान फैसले लेने पर ऐतराज भी. दरअसल 26 जनवरी को वाइस चांसलर का कार्यकाल पूरा होने से पहले 22 जनवरी को विस्तार दे दिया गया. जेएनयू टीचर एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि कार्यवाहक वाइस चांसलर होने के बावजूद वो बड़े फैसले ले रहे हैं, जो ठीक नहीं है. इतना ही नहीं, जेएनयू के स्कूल ऑफ सेंटर्स को भरोसे में लिए बगैर एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर रहे हैं. डीन और चेयरपर्सन की नियुक्तियां कर रहे हैं. जेएनयू की एक एकेडमिक काउंसिल से पहले ही हटा दिया गया है.