लॉकडाउन के बाद तकरीबन ढाई महीने बाद धीरे धीरे उद्योग धंधे पटरी पर आने के लिये शुरू ही हुए थे कि इन्हें बिजली का झटका तेजी से लगा. क्योंकि पूर्ण लॉकडाउन की वजह से मॉल , सिनेमा हाल और उद्योग पूरी तरह बंद रहे लिहाजा एक भी यूनिट बिजली का बिल नहीं उठा. बावजूद इसके इन्हे बिल लाखों का आया. अब ये व्यापारी समझ नहीं पा रहे हैं कि जिस सूबे के मुखिया ने लाकडाउन के महीनों का बिजली के बिल के फिक्स्ड चार्ज को न लेने के लिये विद्युत विभाग से कहा था वही विद्युत विभाग उनसे कैसे बिल चार्ज कर रहा है ? इस चार्ज को लेकर अब ये व्यापारी बिजली विभाग के अधिकारी से लेकर सीएम तक गुहार लगा रहे हैं.