जीडीपी अगर -24 प्रतिशत हो जाए तो क्या वह सरकार के लिए मायने नहीं रखती है, रखती होगी. मगर इस पर एक ढंग की प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई है. न विस्तार से कोई बयान आया है. लेकिन अर्थ जगत की खबरें अपने तरीके से बाहर आने का रास्ता खोज ले रही हैं .अगर आप थोड़ा रुककर और मुड़कर इन खबरों को देखेंगे तो पता चलेगा कि कितना कुछ समझना रह गया है और जानना बाकी है. अब तालाबंदी खुल गई है तो उद्योग धंधे चालू हो गए हैं. यहां से देखा जाएगा कि आगे आने वाले वक्त में कैसा सुधार होता है.