कोरोना के संकट काल के दौरान किसान फसलों पर ध्यान देकर आर्थिक स्थिति उबारने की कोशिश में लगा है लेकिन अब उसे बोवनी के बाद यूरिया के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. सोसायटियों के बाहर लंबी लाइन लगी हुई है, कई जगहों पर थाने से यूरिया बांटा जा रहा है, जबकि निजी दुकानों में दोगुने दामों पर यूरिया आसानी से मिल रहा है.