क्या आप बिल्कुल किसी ऐसे को नहीं जानते, जो दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन के लिए मारे-मारे फिर रहे थे. बिल्कुल भी आप ऐसे किसी को नहीं जानते? जिनकी मौत अस्पताल के भीतर ऑक्सीजन की सप्लाई ठप्प हो जाने के कारण हुई, फिर सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन बेड मांगने वाले वे लोग कौन थे? मोदी सरकार की स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉक्टर प्रवीण भारती पवार के एक जवाब ने आप सभी को फेक न्यूज में बदल दिया है. पहले फेक न्यूज ने आपको बदला, अब आपको ही फेक न्यूज में बदल दिया गया है. क्या राज्य सरकारें लिखकर दे देंगी, तो क्या उसे संसद में जस का तस रख दिया जाएगा? जिस संसद को जनता की आवाज कहा जाता है. क्या ये वाकई जनता की आवाज है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई?