असम की लवलीना बोरगोहेन टोक्यो ओलिंपिक में वेल्टरवेट श्रेणी की मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीत लिया है. लवलीना स्वर्ण पदक जीतना चाहती थीं. लेकिन उनकी इस कामयाबी के पीछे की जो कहानी है, वो भी सोने की तरह आग से तप कर गुजरी है. बिजेंद्र सिंह और मैरी कॉम के बाद वो ओलिंपिक मुक्केबाजी में पदक जीतने वाली लवलीना तीसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं. असम के गोलाघाट के बारोमुखिया गांव से जब वो टोक्यो के लिए चली थीं, तब उनके गांव में पक्की सड़क नहीं थी. उम्मीद है जब तक लौटेंगी पक्की सड़क स्वागत के लिए तैयार हो चुकी होगी.