कोरोना को लेकर गंभीरता के दो केंद्र हैं. मीटिंग और ब्रीफिंग. तालाबंदी को लेकर सब अलग-अलग तालियां बजा रहे हैं. इस बार भांति भांति की तालाबंदी है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दस दिनों के लिए पूरी तरह तालाबंदी कर दी गई है. महाराष्ट्र में कई ज़िलों में तालाबंदी है तो दिल्ली में रात दस बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक की तालाबंदी है. गुजरात में हाई कोर्ट ने ही कहा है कि तीन-चार दिनों की तालाबंदी कर दी जाए. गुजरात सरकार ने पूरे महीने के लिए 20 शहरों में रात 8 बजे से सुबह छह बजे का कर्फ्यू घोषित कर दिया है. कहीं आठ बजे से कर्फ्यू है तो कहीं दस बजे से कर्फ्यू है. कुछ भी. आधा-अधूरा मगर नाटक पूरा. काश सीन में थाली बजाने वाले और फूल बरसाने वाले ईवेंट भी आ ही जाते. सब कुछ हमें पहले दिन से पता है लेकिन एक साल बाद भी उन्हीं आदेशों को हर मीटिंग और ब्रीफिंग में दोहराया जा रहा है. टेस्टिंग और कांट्रेक्ट ट्रेसिंग करेंगे. तो कर क्यों नहीं रहे थे?