रक्षाबंधन मनाने का पर्व देवी-देवताओं के काल से चला आ रहा है. एक कथा के अनुसार, जब भगवान इंद्र पर दानव हावी हो गए थे, तब उनकी पत्नी इंद्राणी बहुत परेशान हो गईं थीं. इंद्राणी ने बृहस्पति के कहे अनुसार इंद्र की कलाई पर एक रेशम का धागा मंत्र की शक्ति से बांध दिया. उस दिन सावन पूर्णिमा की तिथि थी. इसके बाद युद्ध में देवताओं की जीत हुई थी. यही वजह है कि महिलाएं हर साल भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके विजयश्री होने की कामना करती हैं.