राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, 'मां जो होती है वो बच्चे को कर्ज नहीं देती है, मां बच्चे की मदद करती है. मैं निराश हूं, ये मैं राजनीतिक तौर से नहीं बोल रहा हूं, मैं हिंदुस्तान की तरफ से बोल रहा हूं, जो पैकेज होना चाहिए वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए. वो, आज जो जरूरत है, किसानों की जेब में, मजदूरों की जेब में, जो हमारे प्रवासी मजदूर चल रहे हैं, उनकी जेब में एकदम पैसे डालने की जरूरत है.'