कांग्रेस का 'मिशन राहुल' शुरू होने से पहले ही लटक गया. राहुल को पीएम उम्मीदवार बनाने के कांग्रेस कार्यसमिति के फैसले की स्याही सूखी भी नहीं थी कि उनके करीबी नेताओं ने फैसले की इबारत ही पलट दी. उनका कहना है कि कांग्रेस पीएम के लिए किसी का भी समर्थन कर सकती है बशर्ते वह बीजेपी और आरएसएस का न हो. पीएम दौड़ में राहुल के पीछे हटते ही ममता बनर्जी और मायावती की दावेदारी के चर्चे शुरू हो गए. दरअसल, रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला के इस बयान के बाद राहुल की उम्मीदवारी पर मुहर लगी. इसके बाद कांग्रेस के मौजूद और संभावित सहयोगियों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं. जनता दल सेक्यूलर के नेता एचडी देवेगौडा अकेले नेता थे जिन्होंने राहुल की दावेदारी का समर्थन किया, जबकि एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस और यहां तक कि आरजेडी ने भी कहा कि नतीजे आने के बाद पीएम तय हो.