कांग्रेस का तर्क है कि सीधा नियम है कि जिसका बहुमत हो उसे बुलाया जाए. इसके बाद प्री पोल गठबंधन को और वो बहुमत साबित न कर पाए तो चुनाव बाद गठबंधन को. फिर चुनाव बाद के पास बहुमत न हो तब जाकर सबसे बड़ी पार्टी या समूह को बुलाया जाए न कि अकेली सबसे बड़ी पार्टी को. रामेश्वर प्रसाद जजमेंट और सरकारिया कमिशन ने यही व्यवस्था दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे 2017 के फैसले में सही ठहराया है.