तेलंगाना में एक महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के 4 आरोपी शुक्रवार सुबह पुलिस की गोली से मारे गए. पुलिस का कहना है कि वो सुबह चारों को लेकर मौक़ा-ए-वारदात पर गई थी ताकि क्राइम सीन को रीक्रिएट करके जांच आगे बढ़ाई जा सके. लेकिन इसी दौरान आरोपियों ने पहले पत्थरों और डंडों से पुलिस टीम पर हमला किया और फिर दो पुलिसवालों के हथियार छीनकर फ़ायरिंग शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में चारों मारे गए. ज्यादातर लोग पुलिस की इस कार्रवाई को जायज ठहरा रहे हैं तो कई लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं. ऐसे में कुछ सवाल भी उठ रहे हैं. क्या ऐसी मुठभेड़ से इंसाफ़ होता है? मुठभेड़ पर जश्न क्या कहता है? क्या हमारी न्याय-व्यवस्था पर भरोसा नहीं है?