सपा की संसदीय बोर्ड बैठक में फैसला लिया गया कि मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय नहीं किया जाएगा। अखिलेश यादव इस विलय के सख्त खिलाफ थे। वहीं इस विलय की मध्यस्थता करने के आरोप में मंत्रिमंडल से बाहर किए गए बलराम यादव की वापसी का रास्ता भी खोल दिया गया है।