लक्षद्वीप के प्रशासक द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को ‘जनविरोधी’ करार देते हुए केंद्रशासित प्रदेश और केरल की विपक्षी पार्टियों ने उन्हें वापस बुलाए जाने की मांग की है. पटेल पर मुस्लिम बहुल द्वीपों से शराब के सेवन से रोक हटाने, पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने और तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों के झोपड़ों को तोड़ने का आरोप लगाया गया है. पटेल का बचाव करते हुए भाजपा ने दावा किया कि यह विरोध ‘भ्रष्ट चलन’ को खत्म करने के प्रशासक के प्रयासों का परिणाम है. दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के प्रशासक पटेल को पिछले साल दिसंबर में दिनेश्वर शर्मा के निधन के बाद यह पदभार सौंपा गया था.