एक राष्ट्र एक चुनाव, एक राष्ट्र एक टैक्स, जनसंख्या नियंत्रण, चुनावों में मुफ्त की रेवड़ियों पर रोक, घर घर तिरंगा. यह सब कुछ ऐसी थीम है कि जिन पर पहले भी बहस हो चुकी है और इसी थीम पर आधारित नई- नई बहसें लाई जाती हैं, जिससे जनता की बहस नीचे से ऊपर न आए बल्कि ऊपर से जो टॉपिक आए उस पर जनता टपककर बहस करने लग जाए. फिर भूल जाए कि उसके मुद्दे क्या हैं और उसके जीवन में क्या बदलाव आया है.