प्रधानमंत्री मोदी ने न तो एमजे अकबर को बर्ख़ास्त किया है और न ही एमजे अकबर ने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है. न ही अकबर के बचाव में कोई मंत्री आया है. न ही अकबर के लिए बीजेपी का कोई प्रवक्ता सामने आया है. दरअसल किस्सा ही ऐसा सामने आया है कि उसके सामने कोई सामने नहीं आ रहा है. मुबशिर जावेद अकबर मध्यप्रदेश से राज्यसभा के सांसद हैं तो वहां से भी कोई सामने नहीं आया है. एमजे अकबर भी अपने बचाव में अभी तक सामने नहीं आए हैं. उनका सामने आना ज़रूरी है, क्योंकि कई महिला पत्रकारों ने ऐसे प्रसंग सुनाए जिन्हें पढ़कर उन्हें भी अच्छा नहीं लगेगा. अकबर के सामने न आने से सरकार पर भी आंच आ रही है. उम्मीद है वे जल्दी सामने आएंगे और कुछ कहेंगे. किस पत्रकार के बारे में क्या धारणा है, मेरी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन जब कुछ महिला पत्रकारों ने संदर्भ और प्रसंग के साथ ब्योरा लिखा तो लगा कि अब अकबर की बात होनी चाहिए. मैंने कोई जल्दबाज़ी नहीं की. सोमवार के दिन भी रूका कि एक दिन ठहर कर देखते हैं फिर इस पर बात करेंगे. तो अपनी तरफ से जितना चेक सिस्टम हो सकता है हमने पालन किया.