होली और दिवाली के अगले दिन अखबारों का दफ्तर खुलता है, तब खबरों की कमी हो जाती है. कई बार विदेश समाचारों से पन्ना भरना पड़ता है और कुछ रूटीन टाइप की बैठकों को महत्वपूर्ण बनाकर हेडलाइन बनानी पड़ती है कि इन्होंने इनसे मुलाकात की है और उन्होंने उनसे मुलाकात की है.