किसी भी प्रधानमंत्री को अपने हिसाब से टीम बनाने की छूट होनी चाहिए। अगर यह सिद्धांत रूप में सही बात है, तो फिर प्रधानमंत्री को अपनी पसंद के प्रधान सचिव रखने में जो कुछ भी करना पड़े वह क्यों न करने दिया जाए? इस मामले में इतना हंगामा क्यों हो रहा है? एक चर्चा....