प्राइम टाइम : लॉकडाउन की मार झेलने वाले देश के लाखों प्रवासी परिवारों की सुध कौन लेगा

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  • प्रकाशित: मार्च 25, 2021
लॉकडाउन की घोषणा का एक साल (Lockdown One Year) पूरा हो गया है और मानवीय त्रासदी की ऐसी कई कहानियां हैं, जो दिल को झकझोर देती हैं. इन्हीं में से एक छत्तीसगढ़ (ChhatisGarh) के एक परिवार की हैं, जो लखनऊ से 750 किलोमीटर दूर अपने घर के लिए साइकिल से ही निकल पड़ा था.दो बच्चों के साथ साइकिल से मंजिल की ओर निकले कृष्णा साहू और प्रमिला रास्ते में हादसे का शिकार होकर चल बसे. उनके दोनों बच्चे चांदनी और निखिल अब चाचा-चाची के संग गुजर बसर कर रहे हैं, सवाल उठता है कि लॉकडाउन के दौरान ऐसी विभीषिका झेलने वाले पीड़ितों को क्या सरकारों से कोई मदद मिल पाई है. योगी सरकार से परिवार को एक लाख तो छत्तीसगढ़ सरकार से 5 लाख रुपये की मदद मिली. ये बच्चे लॉकडाउन का कहर झेलने वाले परिवारों की तस्वीर बन गए, लेकिन सबको शायद ही मदद मिल पाई हो.

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