किसान आंदोलन जब भी होता है, फोकस उनकी उपज के दाम न मिलने पर कम होता है, शहरों में फल-सब्ज़ी और दूध के दाम बढ़ने पर ज़्यादा होता है. आप टीवी देखेंगे कि हम रिपोर्टर-एंकर लोग किसानों के बीच कम नज़र आएंगे, मंडियों में ही दाम पूछते रह जाते हैं. इसके कई कारण हैं, उस पर चर्चा का वक्त नहीं है.