किसी भी प्रधानमंत्री को अपने हिसाब से टीम बनाने की छूट होनी चाहिए। पूरी तरह से यह उनके विवेक पर निभर्र करता है कि किस व्यक्ति को वे किस काम के योग्य समझें। यहां तक किसी को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव के मामले में एतराज़ नहीं होना चाहिए और विपक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया में यह बात साफ-साफ कही भी।