आज दुनियाभर में फेक न्यूज़ का जाल सा फैल गया है. इस फेक न्यूज़ के बल पर ही लोग भीड़ की बलि चढ़ जाते हैं या किसी को समाज के सामने शर्मशार होना पड़ता है. फेक न्यूज़ लोकतंत्र का गला घोंटने और तानाशाहों की मौज का ज़रिया बन गया है. राजधानी से लेकर ज़िला स्तर तक फेक न्यूज़ गढ़ने और फैलाने में एक पूरा तंत्र विकसित हो चुका है. यही नहीं संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी फेक न्यूज़ दे रहे हैं. कमज़ोर हो चुका मीडिया उनके सामने सही तथ्यों को रखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है.