पांच दिसंबर को उबर की टैक्सी में हुई बलात्कार की घटना के बाद समाज और सिस्टम ठीक वैसे ही जागा है जैसे 16 दिसंबर 2012 की घटना के बाद जागा था। तब कड़े कानून की कमी का पता लगा था, जिसे रिकॉर्ड समय में दुरुस्त कर दिया गया, लेकिन अब जीपीएस, सीसीटीवी वेरिफिकेशन और लाइसेंस देने में लापरवाही जैसी कमियों की पहचान हो रही है।