प्राइम टाइम इंट्रो : सिविल सर्विस परीक्षा पर विवाद

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  • प्रकाशित: जुलाई 18, 2014
अगर भारतीय सिविल सेवा में भारतीय भाषाओं के छात्रों की संख्या कम हो जाए तो क्या इससे किसी को फर्क पड़ना चाहिए? अगर किसी को फर्क नहीं पड़ता है तो उन्हें प्रधानमंत्री या किसी मंत्री के यहां वहां हिन्दी बोल देने से खुश भी नहीं होना चाहिए।

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