जब भी हम यह सुनते पढ़ते हैं कि पढ़ाई हिन्दी या मातृभाषा में होती है, हम डर क्यों जाते हैं. क्या हमारे देश में लोग मातृ भाषा में नहीं पढ़ रहे हैं. अगर आप सरकारी स्कूलों का विस्तार देखेंगे और ग़रीबों की शिक्षा तक पहुंच का मूल्यांकन करेंगे तो अभी ही करोड़ों बच्चे अपनी अपनी मातृ भाषा में शिक्षा में ग्रहण कर रहे हैं.