एपीजे अब्दुल कलाम के निधन की ख़बर आते ही रामेश्वरम की दुकानें बंद हो गईं हैं। मछुआरों ने भी फैसला किया कि नाविक के इस बेटे की याद में तीन दिनों तक मछली पकड़ने समंदर में नहीं जाएंगे। इसी रामेश्वरम में डॉ.अब्दुल कलाम की विरासत है। कम लोग हैं जो एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम सही से ले पाते हैं। गुलजार ने कलाम की आत्मकथा को अपनी आवाज दी है- 'मैं एक गहरा कुआं हूं इस ज़मीन पर...'