सवाल संवेदनशीलता के इस दैनिक प्रदर्शन का है या सिस्टम के न्यायपूर्ण होने का। होता क्या है इन दौरों से, इसकी पड़ताल हम मीडिया को भी करनी चाहिए कि वर्मा कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कम से कम उस जिले या कम से कम उस थाने के सिस्टम में कोई बदलाव आता है या नहीं। अगर कभी नहीं हुआ, तो क्या उसकी शुरुआत बदायूं से हो सकती है।