लोकतंत्र शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत वास्तव में 'लोकतंत्र की जननी' है. लोकतंत्र सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह एक आत्मा भी है.यह इस विश्वास पर आधारित है कि हर इंसान की जरूरतें और आकांक्षाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं.