मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटे जाने के हो रहे विरोध को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए पेड़ काटे जाने जरूरी हैं. साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट के बात को जोहराते हुए कहा कि आरे कोई जंगल नहीं है. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली का उदाहरण भी दिया. जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली में भी मेट्रो बनने के दौरान ऐसा ही विरोध हुआ था लेकिन इस दौरान जितने पेड़ काटे गए उससे पांच गुना पेड़ लगाए गए.