किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) के बयान के बाद चिट्ठियों का दौर शुरू हो गया है. एक चिट्ठी में केंद्रीय कृषि मंत्री रहते हुए पवार द्वारा दिल्ली और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को निजी मंडियों को प्रवेश देने की इजाजत देने का उल्लेख है. वहीं दिवंगत भाजपा नेता सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का भी संसद में दिया गया एक भाषण भी सामने आया है. इसमें वह निजी कंपनियों और मंडियों के प्रवेश के विरोध में बात कर रही हैं.उन्होंने कहा था कि कृषि अर्थव्यवस्था के मुताबिक आढती किसानों के पारंपरिक एटीएम हैं. उन्होंने कॉरपोरेट पर भी सवाल उठाया था.