मज़ाक का मज़ाक कैसे उड़ता है ये तो मज़ाक ही जानता है. 48 घंटे से कम समय के भीतर सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाने का फैसला हुआ है. 77 दिनों तक वे छुट्टी पर रहते हैं, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होती है, सुप्रीम कोर्ट फैसला करता है कि वर्मा पद पर बहाल किए जा सकते हैं मगर रुटीन निर्णय ही ले सकते हैं. जिन कारणों से उन्हें पद भार से मुक्त किया था, उस पर हाई पावर कमेटी विचार करेगी. इस हाई पावर कमेटी में प्रधानमंत्री मोदी, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए के सिकरी और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होते हैं. दो दिन बैठक होती है और फैसला होता है कि आलोक वर्मा को पद से हटाया जाता है. उन पर लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं.