सोमवार की शाम देश के सुदूर पूर्वोत्तर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, शिलांग अपने एक ख़ास मेहमान की अगवानी में जुटा था। वो 84 साल पहले रामेश्वरम से चला था- उसने चेन्नई की एमआइटी से एयरॉनॉटिक्स की पढ़ाई की थी। उसने देश को मिसाइलों से लैस किया था, वह ऐटमी परीक्षण के वक़्त पोकरण में खड़ा था। वह राष्ट्रपति भवन पहुंचा था। वह देश के लिए सपने देखता और बांटता था- ऐसे सपने जो नींद उड़ा दें।