सरकार देश में आर्थिक विकास के आंकड़ों की बात भले ही करे लेकिन नौकरियों के मामले में तस्वीर बहुत हौसला बढ़ाने वाली नहीं है। साल 2015 में जनवरी से दिसंबर के बीच केवल 1.35 हज़ार नई नौकरियां ही मिलीं चमड़ा, ऑटो, ज्वेलरी, ट्रांसपोर्ट और हैंडलूम-पावरलूम में तो कुल 50 हज़ार लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। साल 2015 की दूसरी और चौथी तिमाही में कुल 45 हजार लोगों की नौकरी गई।