हमारे बच्चे कितने सुरक्षित हैं. घर के बाद स्कूल बच्चों को लिए दूसरी सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है. लेकिन हाल के दिनों ये बात बेमानी लग रही है. कहीं 7 साल के प्रद्युम्न की हत्या होती है तो कहीं 5 साल की बच्ची का स्कूल का पियन बलात्कार करता है. कहीं स्कूल बस का ड्राइवर बस से स्टॉप पर उतरी बच्ची को कुचल देता है तो कहीं बच्ची के साथ शिक्षक ही बदसलूकी कर रहे हैं. मासूमों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक परेशान हैं. माता पिता की नींद उड़ी हुई है. ऐसे में सरकार से सख्ती और कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं. अदालत से बच्चों को इंसाफ मिले इसकी आस है.