सवाल यह है कि ये परीक्षा पत्र लीक कैसे हो जाते हैं. परीक्षा में अधिकारियों की सांठगांठ के बिना ऐसा संभव नहीं दिखता, जो कि काला कारोबार करने वाले परीक्षा माफिया का हिस्सा हो चुके हैं. ये लोग कौन हैं? उनकी पहचान उजागर क्यों नहीं होती. आम चुनाव सर पर हैं, लिहाजा ये मुद्दा राजनीतिक पार्टियां भी लपक रही हैं.