अगर कोई आपके दादा के दादा का नाम पूछ ले तो आप शायद न बता पाएं लेकिन अगर परदादा किसी धार्मिक संस्कार करने इलाहाबाद आए होंगे तो कुंभ मेले में बैठा पंडा आपको बता सकता है कि वो कब आए थे. इन पंडों के पास कई पुस्तों का बहीखाता है. इस खाते में साफ तौर पर लिखा है कि आपके घर से कब कौन किसका पिंड दान करने आया था.