लंदन की अदालत से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. ब्रिटिश हाईकोर्ट के फैसले के बाद 1947 में विभाजन के समय हैदराबाद के निजामों के करोड़ों की संपत्ति को लेकर इस्लामाबाद के साथ चल रही दशकों पुरानी कानूनी लड़ाई का अंत हो गया. कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने फैसला सुनाया कि इस संपत्ति पर भारत और निजाम के उत्तराधिकारियों का हक है. नैटवेस्ट बैंक पीएलसी में जमा करीब 35 मिलियन पाउंड (करीब 306 करोड़) को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लड़ाई में निजाम के वंशजों और हैदराबाद के आठवें निजाम प्रिंस मुकर्रम जाह तथा उनके छोटे भाई मुफ्फखम जाह ने भारत सरकार के साथ हाथ मिला लिया था.