एक दिन में तीस बच्चों की मौत, पांच दिन में साठ बच्चों की मौत, तमाम मंत्रियों के दौरे बताते हैं कि हमारी सरकार संवेदनशील है. मृत्यु के बाद मंत्रियों का दौरा इस बात की गारंटी है कि अब भी सब समाप्त नहीं हुआ है. 2012 से यहां 3000 बच्चों की मौत हुई है, अगर उस रात आक्सीजन की सप्लाई का मामला नहीं होता तो यह बात स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है कि गोरखपुर का स्थानीय समाज भी और बाकी समाज भी इन मौतों को लेकर सामान्य हो चुका है.