मेरठ के मेडिकल कॉलेज में एक ऐसी घटना हुई जिसने उत्तर प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर करारा तमाचा जड़ा है. इसी घटना पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे हैं. कोर्ट ने यह टिप्पणी क्यों की? 22 अप्रैल को यहां संतोष कुमार नाम के शख्स भर्ती हुए थे. वे गाजियाबाद के थे और वहां बेड न मिलने पर उन्हें मेरठ रिफर किया गया था. 22 तारीख को उनकी मौत हो गई. संतोष कुमार के परिवार को लगातार बताया जाता रहा कि वे ठीक हैं. 23 तारीख को मेरठ मेडिकल कॉलेज ने उन्हें अज्ञात बताकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया.