किस नेता के नाम पर कौन सी योजना है, किस नेता के नाम पर कितनी योजनाएं, कितने चौक, कितने चौराहे, स्कूल कॉलेज और फ्लाईओवर हैं, इसका हिसाब करेंगे तो सूची बहुत लंबी हो जाएगी और आप सर्वदलीय महल में पहुंच जाएंगे जहां सबने अपने अपने नेताओं के नाम पर कुछ न कुछ किया ही है. अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद अचानक से उनके नाम पर कई चीज़ें खुलने लगी हैं. यहां अटल वहां अटल.