मध्य प्रदेश में हुए व्यापम घोटाले में हम देख चुके हैं कि कैसे सरकारी डॉक्टरों की भर्ती से जुड़ी परीक्षाओं में भी घोटाला हुआ. इसी का नतीजा है कि पिछले ही साल सुप्रीम कोर्ट ने 634 डॉक्टरों की डिग्री खारिज कर दी. अब ऐसे में राज्य के स्वास्थ्य विभाग की छवि क्या होगी, उसका हाल क्या होगा आप ख़ुद ही सोच सकते हैं. राज्य में डॉक्टर सरकार का हिस्सा बनने में दिलचस्पी ही नहीं ले रहे. वो भी तब जब मध्य प्रदेश सरकार अख़बारों में विज्ञापन छपवा चुकी है कि आओ और मुंहमांगी तनख़्वाह बताओ.