संसद में केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पिछले 5 सालों में मैला साफ करने से किसी की मृत्यु नहीं हुई है. वहीं अब सरकार के इस दावे पर कई सवाल उठने लगे हैं. साल 2019 में अपनों को खोने वाले इसे अपने साथ एक मजाक बता रहे हैं. मुंबई से सटे मीरा भायंदर के एक शौचालय के ऊपर अमन बादल का परिवार रहता है. 10 मई 2019 को 21 वर्षीय अमन ठाणे के एक निजी सोसाइटी में सीवर की सफाई करने गए थे, उस दौरान जहरीली गैस की वजह से इनकी मृत्यु हो गई. मृत्यु के समय अमन का दो साल का बेटा था. परिवार अब एक शौचालय के ऊपर रहता है. मृत्यु के बाद सरकार ने 10 लाख रुपये के मुआवजे और नौकरी का ऐलान किया था. लेकिन आजतक कुछ नहीं मिला. पूरा परिवार सफाई का काम कर अपना गुजारा कर रहा है.