2019 से पहले राजनीतिक पार्टियां हर तरह की जोड़ तोड़ में लगी हुई हैं. जहां विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर बीजेपी को रोकने की फिराक में हैं तो खुद बीजेपी के सामने चुनौती है अपने सहयोगियों को साथ रखने की. टीडीपी पहले ही अलग हो चुकी है. शिवसेना लगातार आंखे दिखा रही है. ऐसे में बिहार में जेडीयू की तरफ़ से लगातार ऐसे संकेतों से कई अटकलों को हवा मिल रही है. पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की जयंती पर बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बीजेपी का नाम लिए बिना कहा कि वोट के लिए एक टकराव का माहौल बनाया जा रहा है, जिससे कि वोटर जातीय और सांप्रदायिक आधार पर इधर से उधर हो. लोग काम के आधार पर वोट नहीं मांग रहे.