नीति आय़ोग के सदस्य वीके पॉल (NITI Aayog member Dr. VK Paul) का कहना है कि टीकों पर सियासत के सवाल पर कहा है कि हमें दवा नियामक, वैज्ञानिक और संस्थानों पर विश्वास रखना चाहिए. दुनिया की 60 फीसदी वैक्सीन भारत में ही बनती हैं और यही तंत्र इसे मंजूरी देता है. वैक्सीन (Vaccine)के ट्रायल की सूचना को लेकर पूरी पारदर्शिता बरती गई है. पॉल ने कहा कि वैक्सीन के प्रोटोकॉल के साथ तय होगा कि दो डोज में अंतर 4 या 6-7 हफ्तों में होगा. वैक्सीन पूरी तरह स्वैच्छिक है, लेकिन लोग इससे जुड़ेंगे तो उनको और देश का फायदा होगा. कौन सी वैक्सीन लगेगी कौन सी नहीं, इस पर भी स्थिति जल्द स्पष्ट होगी.